कहते सब महान है उसे
पर मानता कौन है
कोशिश सब करते है जानने की उसे
पर पूरा उसे जनता कौन है
नारी एक पन्ना नही पूरी किताब है
कितने कष्ट दिए है हमने उसे
इसका पूरा हिसाब है
एक तरफ अखबारों में नारी का महान रूप दिखाया होता है
तो वहीं दूसरी ओर किसी दरिंदे ने किसी नारी को नोंच कर खाया होता है
नारी को नारी ही रहने दो खिलौना मत बनाओ
इंसान वो खुद भी है खुद जानवर बनकर अपना भोजन उसे मत बनाओ
उसने हर रिश्ते हो बेहतर सम्भाला है
उसके होने से हमारे जीवन मे उजाला है
जीने दो उसे भी अपने तरीकों से
बंधन नही तोड़ेगी वो और
उड़ती जाएगी अपने सलीको से
बंधन में बंधकर ऊंचाई की हर हद को तोड़ना वो जानती है
करने दो प्रयास उसे भी ऊंचा उड़ने दो
वो बस अपनों से एक मौका चाहती है
उसके कपड़ो से उसके आचरण को परखना बंद करो अब
थामो हाथ उसका दुनिया के झूठे दस्तूरों से लड़ने में मदद करो अब
उसमे सबकुछ करने का हौसला खूब है
वो चाहती है बस साथ और विश्वास आपका
इतनी सी मांग पूरी करने में हमें सोचने की जरूरत क्यों है
चलो सोचते है अब उसके बारे में
जिसने हमेशा हम सबके बारें में सोचा है
देते है साथ उसका अब
जिसने कई बार खुद भूखा रहकर
पतीले का आखिरी भोजन आपकी थाल में परोसा है
Tuesday, December 25, 2018
जीना है मुझे मेरे हिसाब से
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Bhut acche sister:-)
ReplyDeleteBest line
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteमैं तो प्रकृति का निश्छल पुजारी हूँ ! मेरा अटल विश्वास है कि:-नारी ही उसका रूप है..जय जननी..
ReplyDeleteमेरी पूजा प्रकृति को अर्पित है..मेरा अटल विश्वास है कि:- नारी ही उसकी पूर्ण उत्तराधिकारी है...जय जननी..
ReplyDeleteKya bat he bhut khoob likha he
ReplyDeleteSuperb
👏👏👏
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