Tuesday, December 3, 2019

डर रही हूँ मैं


यहीं चाहते थे न तुम की डर कर रहें हम हमेशा तुमसे तो सुनो
हाँ डर रही हूं मैं अब घर से निकलने से
हाँ डर रही हूँ मै अकेले चलने से
डर रही हूं मैं किसी पर भरोसा करने से
डर रही हूं मैं किसी को अपना कहने से
डर रही हूँ मैं इंसानो के बीच रहने से
डर रही हूं मैं बेटी होने से
डर रही हूं मैं किसी आदमी के साथ होने से
डर रही हूं मैं इस दुनियां के हर कोने से
जाने कहाँ कौन दुष्कर्मी मुझपर नजर लगाए बैठा होगा
जाने कब और कैसे वो मुझपर हमला कर देगा
डर रही हूं मैं किसी लड़के को जन्म देने से
डर रही हूं मैं पढ़ने लिखने जाने से
डर रही हूं मैं अब कंधे से कंधा मिलाने से
हर पल हर जगह बस अब डर ही मुझे सताता है
किस पल कोई मुझे नोंच डाले यह डर दिल को रुलाता है
तुम कामयाब हो गए साजिशों में अपनी
डर रही हूं मैं किसी लड़की के कोख में आने से
डर रही हूं मैं अपनी आन गवाने से