Tuesday, December 25, 2018

जीना है मुझे मेरे हिसाब से

कहते सब महान है उसे
पर मानता कौन है
कोशिश सब करते है जानने की उसे
पर पूरा उसे जनता कौन है
नारी एक पन्ना नही पूरी किताब है
कितने कष्ट दिए है हमने उसे
इसका पूरा हिसाब है
एक तरफ अखबारों में नारी का महान रूप दिखाया होता है
तो वहीं दूसरी ओर किसी दरिंदे ने किसी नारी को नोंच कर खाया होता है
नारी को नारी ही रहने दो खिलौना मत बनाओ
इंसान वो खुद भी है खुद जानवर बनकर अपना भोजन उसे मत बनाओ
उसने हर रिश्ते हो बेहतर सम्भाला है
उसके होने से हमारे जीवन मे उजाला है
जीने दो उसे भी अपने तरीकों से
बंधन नही तोड़ेगी वो और
उड़ती जाएगी अपने सलीको से
बंधन में बंधकर ऊंचाई की हर हद को तोड़ना वो जानती है
करने दो प्रयास उसे भी ऊंचा उड़ने दो
वो बस अपनों से एक मौका चाहती है
उसके कपड़ो से उसके आचरण को परखना बंद करो अब
थामो हाथ उसका  दुनिया के झूठे दस्तूरों से लड़ने में मदद करो अब
उसमे सबकुछ करने का हौसला खूब है
वो चाहती है बस साथ और विश्वास आपका
इतनी सी मांग पूरी करने में हमें सोचने की जरूरत क्यों है
चलो सोचते है अब उसके बारे में
जिसने हमेशा हम सबके बारें में सोचा है
देते है साथ उसका अब
जिसने कई बार खुद भूखा रहकर
पतीले का आखिरी भोजन आपकी थाल में परोसा है

7 comments:

  1. मैं तो प्रकृति का निश्छल पुजारी हूँ ! मेरा अटल विश्वास है कि:-नारी ही उसका रूप है..जय जननी..

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  2. मेरी पूजा प्रकृति को अर्पित है..मेरा अटल विश्वास है कि:- नारी ही उसकी पूर्ण उत्तराधिकारी है...जय जननी..

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  3. Kya bat he bhut khoob likha he
    Superb

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