जब देश के शिक्षित लोग दहेज जैसी कुप्रथा को जायज़ बताते हुए दहेज की मांग करते हैं तो जहन में एक सवाल आता है क्या देश में वाकई शिक्षा का कोई महत्व बचा है?
हमारे माता पिता हमें पढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और इसके पीछे उनकी यही सोच होती है की शिक्षा की कमी के कारण जिस सम्मान से वे वंचित रहे हैं हम न रहें।हम अच्छे और बुरे को समझें,सही गलत में फर्क कर सकने के योग्य बने।लेकिन ये महज बातें रह जाती है जब एक शिक्षित परिवार किसी परिवार में विवाह के लिए लड़की देखने जाते हैं और वहां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दहेज की मांग करते हैं।और शिक्षा के सारे मूल्य तो तब खत्म हो जाते हैं जब हम अपने परिवार का विरोध करने की वजाय साथ देते हैं।मानते हैं की हमारे परिवार के कुछ बुजुर्ग वर्ग इसे जायज समझते हैं। लेकिन उन से ज्यादा दोषी तो हम हैं क्योंकि हमें बचपन से ही पढ़ाया जाता है की दहेज लेना देना अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान भी है फिर हम उन्हें ये अपराध करने देते हैं और इसमे बाकायदा उनका साथ देते हैं।और समाज अगर सवाल उठाए तो कहते हैं बड़ों की बात में हमारा बोलना शोभा नहीं देता। तो अगर आप इतने ही मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो फिर क्यों अपने बड़ों को नहीं समझाते की यह बहुत बड़ा अपराध है। कई बार तो देखने में यह आता है की दूल्हा खुद दहेज की मांग करता है। और अब तो जितना पढ़ा लिखा लड़का है दहेज में उतनी ही मोटी रकम मांगी जाती है। विवाह को व्यापार बना लिया गया है और पढ़े लिखे दूल्हे को सबसे महँगी वस्तु जिसकी हैसियत हो अपनी बेटी के लिए खरीद ले।
ये तो हुई शिक्षित पक्ष के दहेज लोभियों की बात लेकिन वधु पक्ष भी शिक्षा के मूल्यों को समाप्त कर देते है जब वे अपनी बेटी को दहेज लोभियों को सौपते हैं। उन्हें भी समझना चाहिए की हम एक अपराध करने जा रहे।विवाह दो परिवारों के बीच बना मधुर सम्बन्ध है कोई व्यापार नहीं।और इस करके आप अपनी बेटी की योग्यता पर भी सवाल उठाते हैं।
एक शिक्षित व्यक्ति अगर शिक्षा के सही अर्थ को समझता होगा तो न तो दहेज लेगा और न ही दहेज देगा। दहेज मांगकर हम स्वयं ही अपने सम्मान को कम कर देते हैं।और दहेज देने वालों को भी यह समझना होगा की अगर कोई व्यक्ति आपकी बेटी से शादी करने के लिए दहेज की मांग कर रहा है तो फिर घर में रखने के लिए न जाने कब कब क्या क्या मांगे करेगा और मांगे पूरी न होने पर आपकी बेटी ही किसी अपराध का शिकार होगी।आप ऐसे घर में अपनी लाड़ली को क्यों भेजना चाहते हैं जहां वो सुरक्षित नहीं है।
हमारे माता पिता हमें पढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और इसके पीछे उनकी यही सोच होती है की शिक्षा की कमी के कारण जिस सम्मान से वे वंचित रहे हैं हम न रहें।हम अच्छे और बुरे को समझें,सही गलत में फर्क कर सकने के योग्य बने।लेकिन ये महज बातें रह जाती है जब एक शिक्षित परिवार किसी परिवार में विवाह के लिए लड़की देखने जाते हैं और वहां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दहेज की मांग करते हैं।और शिक्षा के सारे मूल्य तो तब खत्म हो जाते हैं जब हम अपने परिवार का विरोध करने की वजाय साथ देते हैं।मानते हैं की हमारे परिवार के कुछ बुजुर्ग वर्ग इसे जायज समझते हैं। लेकिन उन से ज्यादा दोषी तो हम हैं क्योंकि हमें बचपन से ही पढ़ाया जाता है की दहेज लेना देना अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान भी है फिर हम उन्हें ये अपराध करने देते हैं और इसमे बाकायदा उनका साथ देते हैं।और समाज अगर सवाल उठाए तो कहते हैं बड़ों की बात में हमारा बोलना शोभा नहीं देता। तो अगर आप इतने ही मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो फिर क्यों अपने बड़ों को नहीं समझाते की यह बहुत बड़ा अपराध है। कई बार तो देखने में यह आता है की दूल्हा खुद दहेज की मांग करता है। और अब तो जितना पढ़ा लिखा लड़का है दहेज में उतनी ही मोटी रकम मांगी जाती है। विवाह को व्यापार बना लिया गया है और पढ़े लिखे दूल्हे को सबसे महँगी वस्तु जिसकी हैसियत हो अपनी बेटी के लिए खरीद ले।
ये तो हुई शिक्षित पक्ष के दहेज लोभियों की बात लेकिन वधु पक्ष भी शिक्षा के मूल्यों को समाप्त कर देते है जब वे अपनी बेटी को दहेज लोभियों को सौपते हैं। उन्हें भी समझना चाहिए की हम एक अपराध करने जा रहे।विवाह दो परिवारों के बीच बना मधुर सम्बन्ध है कोई व्यापार नहीं।और इस करके आप अपनी बेटी की योग्यता पर भी सवाल उठाते हैं।
एक शिक्षित व्यक्ति अगर शिक्षा के सही अर्थ को समझता होगा तो न तो दहेज लेगा और न ही दहेज देगा। दहेज मांगकर हम स्वयं ही अपने सम्मान को कम कर देते हैं।और दहेज देने वालों को भी यह समझना होगा की अगर कोई व्यक्ति आपकी बेटी से शादी करने के लिए दहेज की मांग कर रहा है तो फिर घर में रखने के लिए न जाने कब कब क्या क्या मांगे करेगा और मांगे पूरी न होने पर आपकी बेटी ही किसी अपराध का शिकार होगी।आप ऐसे घर में अपनी लाड़ली को क्यों भेजना चाहते हैं जहां वो सुरक्षित नहीं है।
👍👌
ReplyDeleteNice puju
ReplyDelete👍
ReplyDeleteBohot khoob
ReplyDelete👍👌👌
ReplyDeleteBhut sahi
ReplyDeleteVery good पूजा.
ReplyDeleteIt's a good msg for our educated society.
Aap sabhi ka bhut shukriya is lekh ko smjhane ke lie or mujhe appreciate krne ke lie
ReplyDeleteEk no.pooja 👌
ReplyDeleteKoi sa domain le le
ReplyDeleteBahut badiya pooja
ReplyDeleteHm dahej pratha ke bare me padte hai but real life me follow nhi krte